कविराज चौहान (दि शिरगुल टाइम्स शिमला)
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जगदीश चंद्र शर्मा ने आज यहां जीएसटी विंग के अंतर्गत इन-हाउस विश्लेषणात्मक और डेटा संचालित बुद्धिमता आधारित क्षमताओं के विकास पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों के लिए आरंभ किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि यह प्रशिक्षण विस्तृत डेटा चुनौतियों का सामना करने और जीएसटी के तहत शामिल महीन बिंदुओं को समझने के लिए किया जा रहा है। जीएसटी से निपटने वाले अधिकारियों को अब बहुत सारे डेटा और कानूनी प्रावधानों से निपटने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के साथ यह उम्मीद की जाती है कि उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने के लिए फील्ड अधिकारी अपने काम को प्राथमिकता देंगे।
उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र पर जोर देने के साथ, डेटा विश्लेषण के लिए विभिन्न उपकरणों और तकनीकों को सीखना होगा ताकि प्रवर्तन या आॅडिट के संचालन के लिए जीएसटी के तहत सेवाओं की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी इस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे फील्ड अधिकारियों पर अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सकें।
जगदीश चंद्र शर्मा ने कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जीएसटी की गतिशील प्रकृति को देखते हुए नियमित रूप से अपना ज्ञानवर्द्धन करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने प्रतिभागियों को सरकार की विभिन्न पहलों और विभाग के लिए योजनाबद्ध सुधारों की जानकारी भी दी।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त रोहन चंद ठाकुर ने भविष्य में विशेष प्रशिक्षण और संभावित अपेक्षाओं के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण से लैस करना है ताकि वे विभाग के लिए मास्टर ट्रेनर बन सकें।
उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए जीएसटी और आॅडिट के अतिरिक्त आयुक्त राकेश शर्मा और आर.डी. जनारथा के नेतृत्व में टीम के आयोजन के प्रयासों की सराहना की।
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