कविराज चौहान (दि शिरगुल टाइम्स शिमला)
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) को अपनी सभी इकाइयों को लाभप्रद बनाने के लिए अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के अलावा लीक से हट कर सोचना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां एचपीटीडीसी के निदेशकमण्डल की 156वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम के होटलों के शुल्कों की समीक्षा की जानी चाहिए और आस-पास में स्थापित होटलों के शुल्कों की तुलना के बाद अपने शुल्क पुनर्निर्धारित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि निगम को अपने मैन्यू से अनावश्यक व्यंजन निकालकर नए व्यंजन शामिल करने चाहिए। इससे ईर्द-गिर्द के रेस्तरां के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि निगम के अधिकारियों को अन्य राज्यों की पर्यटन इकाइयों का भी अध्ययन करना चाहिए ताकि वांछित परिणाम हासिल किए जा सकें। उन्होंने कहा कि होटलों की आॅक्यूपेंसी 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। कोविड महामारी के कारण निगम की सभी पर्यटन इकाइयों को काफी घाटा उड़ाना और इसके परिणामस्वरूप निगम ने पहली अपै्रल, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक 35.56 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है जबकि खर्च 73.76 करोड़ रुपये का रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए निगम की प्रमुख परिसंपत्तियों कुन्जुम, मनाली और होटल होलीडे होम, शिमला का जीर्णाद्धार किया जाना चाहिए। उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए होटलों की प्रभावी मार्केटिंग पर बल दिया जाना चाहिए। ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक मीडिया का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने मापदंडों और लक्ष्यों को निर्धारित करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे उन्हें व्यवसायिक तरीके से हासिल किया जा सके और निगम की इकाइयों को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाया जा सके। निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना एवं जेसी शर्मा, सचिव पर्यटन देवेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में सम्मिलित हुए।
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