कविराज चौहान (दि शिरगुल टाइम्स शिमला)
प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व मुनाफाखोरी में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने से संकोच नहीं करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह जानकारी आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग तथा हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि विभाग को उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए तथा व्यापारियों द्वारा जमाखोरी व मुनाफाखोरी को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में अवैध व्यापारिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अप्रैल, 2021 से हिमाचल प्रदेश होर्डिंग एण्ड प्रोफिटियरिंग प्रिवेंशन आर्डर-1977, हिमाचल प्रदेश कमोडिटिज़ प्राइस मार्किंग एण्ड डिस्प्ले आॅर्डर-1977 तथा हिमाचल प्रदेश ट्रेड आर्टिक्लस (लाईसेंसिंग एण्ड कन्ट्रोल) आर्डर-1981 को लागू किया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश इस वर्ष 31 अक्तूबर तक प्रभावी रहेंगे। व्यापारियों को मुनाफाखोरी तथा जमाखोरी करने से रोकने के लिए गत लगभग एक माह में 4638 निरीक्षण किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लक्षित जन वितरण प्रणाली को 5028 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 19,17,302 राशनकार्ड धारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रभावी रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष 6 जनवरी से इंट्रास्टेट राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं उनके सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने विभाग तथा निगम के अधिकारियों को आम जनता की सुविधा के लिए महामारी के दौरान अतिरिक्त निगरानी बरतने के आदेश दिए।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रधान सचिव रजनीश ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए विभाग तथा निगम द्वारा उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
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