हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखने वाली आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने शिमला के सेंट बीड्स कॉलेज और ऑकलैंड हाउस स्कूल में शिक्षा ग्रहण की है। हिमाचल में महिलाओं से जुड़े अपराध की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने व महिलाओं के लिए अलग थाने खोलने का श्रेय भी सतवंत अटवाल को ही जाता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अपने कैडर के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित पुलिस संगठनों के विभिन्न पदों पर एक पुलिस अधिकारी के रूप में सराहनीय सेवाओं की गाथा को भी लिखा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू 13 जून से 14 जुलाई तक अवकाश पर हैं। ऐसे में डीजीपी के स्तर पर निर्णय की आवश्यकता वाले सभी प्रशासनिक और जरूरी मामलों को सतवंत अटवाल त्रिवेदी देखेंगे। 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल त्रिवेदी अब हिमाचल प्रदेश की प्रथम महिला डीजीपी होंगी। डीजीपी संजय कुंडू के छुट्टी पर जाने के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
सतवंत अटवाल त्रिवेदी को हिमाचल की पहली आईपीएस होने के साथ-साथ एनआईए और बीएसएफ की पहली महिला अधिकारी होने का गौरव भी प्राप्त है।उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में सेवा प्रदान की है। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में संकाय, एसपी रैंक पर जिला पुलिस सशस्त्र बटालियन का नेतृत्व कर चुकी है। होम कैडर में लौटने से पहले वो सीमा सुरक्षा बल के खुफिया निदेशालय का नेतृत्व किया हैइसके अलावा, उन्होंने सीमा सुरक्षा बल में भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यान्वयन को सफलतापूर्वक शुरू किया। वह क्लिनिकल साइकोलॉजी में स्वर्ण पदक विजेता हैं और जर्मन में एफबीआई नेशनल एकेडमी, डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस, यूएसए से डिप्लोमा इन इन्वेस्टिगेशन एंड लीडरशिप भी प्राप्त किया हुआ है। उन्हें वर्ष 2012 में सराहनीय सेवा के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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