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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोलन, में हिंदी दिवस का भव्य एवं प्रेरणादायी आयोजन

  • Writer: The shirgul Times
    The shirgul Times
  • Sep 13
  • 2 min read

TST- SOLAN .

गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में हिंदी दिवस बड़े हर्षोल्लास और गरिमामय ढंग से मनाया गया। 10 सितम्बर से प्रारंभ हुए हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत विद्यार्थियों ने निबंध लेखन, कविता पाठ, वाद-विवाद, भाषण, प्रश्नोत्तरी, लघु नाटिका, गीत और पोस्टर निर्माण जैसी विविध गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और भाषाई कौशल का परिचय दिया।


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13 सितम्बर को आयोजित मुख्य समारोह में विद्यालय प्रांगण हिंदीमय वातावरण से गुंजायमान हो उठा, जहाँ विद्यार्थियों ने कविताओं और गीतों के माध्यम से हिंदी भाषा की महत्ता और गौरवशाली परंपरा को प्रस्तुत किया। यद्यपि हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, किंतु विद्यालय प्रांगण में इसे 13 सितंबर को विशेष रूप से आयोजित किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की आत्मा और पहचान है; बच्चों का उत्साह और उनकी सृजनात्मक अभिव्यक्ति यह दर्शाती है कि वे भाषा, संस्कृति और मूल्यों के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे भविष्य में भी हिंदी भाषा के संवर्धन और प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाएँ और अपनी मातृभाषा पर गर्व करें। विद्यालय प्रबंधन ने भी इस आयोजन की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि हिंदी पखवाड़े जैसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और यही कारण है कि गुरुकुल इंटरनेशनल सदैव शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन में भी अग्रणी बना हुआ है।


इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों ने भी बच्चों के उत्साह की सराहना की और माना कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और भाषा के प्रति लगाव विकसित होता है। हिंदी पखवाड़ा केवल प्रतियोगिताओं तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम बन गया, जहाँ उन्होंने टीम वर्क, अनुशासन और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। विद्यालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि भाषा, संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात कर बच्चों को आदर्श नागरिक बनाना भी उतना ही आवश्यक है। हिंदी दिवस का यह सफल आयोजन विद्यालय परिवार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत वे विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक दृष्टि से सक्षम बना रहे हैं, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से भी समृद्ध कर रहे हैं।

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