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पानी की कमी व सूखे जैसे हालात तथा जंगल की आग कि घटनाओं से निपटने के लिए सभी रहें सजग - उपायुक्त

मनीष चौहान (दि शिरगुल टाइम्स)सिरमौर (16/04/2021)

जिला सिरमौर में पानी की कमी व सूखे जैसेे हालात तथा जंगल की आग कि घटनाओं को लेकर विभिन्न विभागों के साथ बैठक का आयोजन उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी की अध्यक्षता में आज यहां उपायुक्त कार्यालय के सभागार में किया गया।

बैठक के दौरान सभी विभागों ने अपनी कार्ययोजना के बारे में विस्तृत जानकारी सांझा की। इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि इस बार कम वर्षा होने के कारण जिला में पानी की कमी व सूखे जैसेे हालात होने की सम्भावना हो सकती है, इसलिए संबंधित विभागों को अपनी तैयारी पूरी रखनी होगी ताकि समय आने पर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

उन्होंने लोगों से अपील कि की पानी बर्बाद न करें तथा वृक्षारोपण के लिए अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करें। रिसनें वाले नलों को वॉशर बदलकर ठीक करें तथा पानी की सभी लाइनों के रिसाव की जांच करें और उनकी मुरम्मत करवाए। सिंचाई में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करें जिनमें कम से कम पानी लगता हो जैसे माइक्रो और ड्रिप सिंचाई। बरसाती पानी का संचयन करें, शौचालय में अनवाश्यक फ्लश न करें। दांत ब्रश करते समय, चेहरा धोते समय या शेव करते हुए पानी को चलता न छोड़े। नहाते समय शावर के स्थान पर बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें।

उन्होंने गर्मी के मौसम में जंगलों में होने वाली आगजनी कि घटनाओं पर भी चर्चा करते हुए उनके रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जंगल में लगी आग की रोकथाम के दौरान विभागीय कर्मचारियों का सहयोग करें तथा आपातकालिन संपर्क के लिए जिला अग्निशमन सेवा विभाग और स्थानीय वन अधिकारियों के नंबर संभाल कर रखें ताकि अनियंत्रित आग लगने की स्थिति में तुरंत उनसे सम्पर्क किया जा सकें। वन क्षेत्रों के आसपास में कभी भी आग जलती न छोड़ें तथा पानी का इस्तेमाल कर आग को पूरी तरह से बुझा दें और राख को ठंडा होने तक हिलाएं।

कैंपिंग के दौरान लालटेन, स्टोव और हीटर का उपयोग करते समय सावधान रहें। ईंधन भरने से पहले सुनिश्चित करें कि हीटिंग उपकरणों को ठंडा किया गया है। ज्वलनशील तरल पदार्थों को फैलाने से बचें और ईंधन को उपकरणों से दूर रखें। वनाच्छादित क्षेत्रों से गुजरते समय जलती हुई माचिस की तिली, सिगरेट, और धूम्रपान सामग्री को न फेंकें। वन क्षेत्र के बगल में खूंटी, कचड़ा आदि न जलाएं। वन क्षेत्रों के करीब खेतों में भी सूखा कचड़ा न जलाएं। अपने निकासी मार्ग को जानें आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें। जंगल की आग के मामले में निकासी के लिए स्थानीय अधिकारियों के निर्देश पर स्थान तुरंत खाली करें। उड़ती चिंगारी और राख से सुरक्षित रहने के लिए सावधानी बरतें। आग लगने पर मवेशियों और पशुओं की सुरक्षा के लिए उन्हें खोल दें।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रियंका वर्मा, सहायक आयुक्त डॉ0 प्रियंका चन्द्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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